S.N. Medical College, Agra, named after the first lady Governess of Uttar Pradesh, poetess and freedom fighter, Bharat Kokila Smt. Sarojini Naidu, is situated in the heart of Agra, the famous old city of the Taj Mahal. It is one of the first three Medical Schools of the country.
For Agra Medical School, the year 1939 was a year of achievement. With a view to meet the growing demand for qualified doctors in the then United Provinces, the status of Agra Medical School was upgraded to that of a full fledged Medical College affiliated to the Agra University for the award of M.B.B.S. degree.
Today, this college has completed over 60 years of its useful existence dedicated to the cause of Medical Education and Research and in the service of suffering humanity the college motto being ‘LIVE TO SERVE’.
This college, soon after its inception, was recognized by the Medical Council of India and the General Medical Council of Great Britain. The first of M.B.B.S. doctors passed out in the year 1944. The hospital attached to the Agra Medical School since 1854 was known as the Thompson Hospital. With the elevation of Agra Medical School to S. N. Medical College, the Thompson Hospital was also rechristened as S.N. Hospital.
एस. एन. मेरा अद्भूत सुन्दर है। एस. एन. मेरा सबसे प्यारा
श्रुश्रत भर्त हरि का मन्दिर हिप्पोक्रेट का गलियारा
सरस्वती की ज्योति यही है ज्ञान श्रोत भण्डार यही
वृजमण्डल का धाम निराला सब के हित का रखवाला
जन मानस को दे उजियारा एस. एन. मेरा सबसे प्यारा
एस. एन. मेरा अदभुत सुन्दर है………………….
दूर दूर तक इसकी गाथा महिमा का कोई पार ना पाता
इस पर नत मस्तक हो करता जीवन ज्योति अलख वो करता
इसका पंछी कहीं न हारा एस. एन. मेरा सबसे प्यारा
एस. एन. मेरा अदभुत……………………..
सांस का हर सुमन हो इसके लिये जिन्दगी भी हवन हो इसके लिये
कह वही बरसों से सारी पीढिया ये हमारा नमन हो इसके लिये
इस पर बलि बलि जीवन सारा एस. एन. मेरा सबसे प्यारा
एस. एन. मेरा अदभुत…………………………..
प्रेणायों की सदा से जन्मभूमि यह बनी है कर्म से प्रेरित सभी की यह तपोभूमि बनी है
इसके प्रांगण में खिले है फूल हर उन्माद के युग युग से ही दिये है संदेश प्रेम प्रकार के
इसका यौवन कभी न हारा एस. एन. मेरा सबसे प्यारा
सुबह की लाली का मंजर इसकी रंगत का निखार
फूल बरसाये हवा में जैसे भाखें हर सिंगार
हर बुलन्दी के निकट होने का सबब देता है ये
नित नई श्रद्धा से और वि वास से
रोज हम आगे बढेंगे सूर्य के सत्कार से एस. एन. मेरा………………………….
डा. के. के. प्रूथी
आचार्य
अस्थि रोग विभाग